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Paris Olympics: Hope of double digit medal not fulfilled in Paris
Paris Olympics: पेरिस ओलंपिक में भारत का प्रदर्शन उम्मीद के अनुरूप नहीं रहा और टीम एक भी स्वर्ण लाने में सफल नहीं हुई। भारतीय दल ने छह पदक जरूर जीते, लेकिन वह टोक्यो ओलंपिक के प्रदर्शन को दोहराने में सफल नहीं रहे। इस बार देश को दोहरे अंक में पदक लाने की उम्मीद थी, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। पेरिस के प्रदर्शन ने भारतीय खिलाड़ियों के सामने चार साल होने वाले लॉस एंजिलिस ओलंपिक के लिए बड़ी चुनौती रख दी है। पेरिस के प्रदर्शन ने बता दिया है कि यहां से सबक लेकर अब प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को आगे लाने की जरूरत है।
भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) और भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के दोहरे अंकों में पदक जीतने की उम्मीद पूरी नहीं हुई। भारत एक रजत और पांच कांस्य पदक जीत पाया। पेरिस ओलंपिक के लिए साई की ओर से चयनित किए गए सात उच्च प्राथमिकता वाले खेलों (तीरंदाजी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, मुक्केबाजी, कुश्ती, हॉकी, निशानेबाजी) में चार एथलेटिक्स, शूटिंग, हॉकी और कुश्ती ही पदक दिला सके। वहीं, प्राथमिकता सूची में शामिल कोई भी खेल पदक नहीं जीत सका।
मुक्केबाजी ने दिया सबसे बड़ा झटका
खेल मंत्रालय और साई की उम्मीदों पर सबसे ज्यादा पानी तीरंदाजी, मुक्केबाजी और बैडमिंटन ने फेरा। खासतौर पर मुक्केबाजों का प्रदर्शन कहीं से स्तरीय नहीं रहा। स्वर्ण पदक की दावेदार निकहत जरीन चीनी बॉक्सर वू यू के समक्ष नहीं टिक पाईं। अमित पंघाल जांबिया के उस बॉक्सर से हारे, जिसे उन्हें राष्ट्रमंडल खेलों में आसानी से हराया था। लवलीना चीनी बॉक्सर ली कियान पर क्वार्टर फाइनल में पार नहीं पा सकीं।
बैडमिंटन भी पदक से रहा दूर
बैडमिंटन में पदक की सबसे बड़ी उम्मीद सात्विकसाईराज रेंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की युगल जोड़ी थी, लेकिन दोनों क्वार्टर फाइनल में हार गए। दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू भी प्री क्वार्टर फाइनल से आगे नहीं बढ़ पाईं। लक्ष्य सेन बड़ी बढ़त लेने के बावजूद स्वर्ण पदक विजेता विक्टर एक्सेलसेन और कांस्य पदक विजेता ली जी जिया से नहीं जीत पाए और चौथे स्थान पर रहे।
मानसिक दबाव से इस बार भी नहीं उबरे तीरंदाज
तीरंदाजों के मानसिक दबाव की बात लंबे समय से हो रही है। इस बार उन्हें इससे निकालने के लिए पेरिस जैसे पोडियम, साथ में रहना, तेज हवा में तीरंदाजी कराने के साथ फ्रांस में लंबे समय तक तैयारियां भी कराई गईं। क्वालिफाइंग दौर में तीरंदाजों का प्रदर्शन अच्छा भी रहा, लेकिन नॉकआउट में आकर तीरंदाज एक बार फिर मानसिक दबाव में फंस गए और बेहद खराब प्रदर्शन किया। दीपिका कुमारी और भजन कौर ही कुछ अच्छा कर पाईं। मिश्रित स्पर्धा में धीरज और अंकिता की जोड़ी चौथे स्थान पर रही।